मन्नत में मां
मन्नत में खुदा तू दे दे जरा
मेरी सांसो को उस मां के लिए
जिसने दर्द सहा मुझे जन्म दिया
देकर जीवन मुझको खुद विश का घूंट पिया
जब तपता था बदन तेरा
फिर भी तू क्यों मुस्कुराती थी
क्यों धूप में तू खुद रहकर
आंचल में मुझे सुलाती थी...
मेरी सांसो को उस मां के लिए
जिसने दर्द सहा मुझे जन्म दिया
देकर जीवन मुझको खुद विश का घूंट पिया
जब तपता था बदन तेरा
फिर भी तू क्यों मुस्कुराती थी
क्यों धूप में तू खुद रहकर
आंचल में मुझे सुलाती थी...