समय
लेकर बैठे रोना अतीत का
क्या उसे बदल पाओगे
बीत गया जो समय
क्या उसे फिर से जी पाओगे
खिलते तो फूल भी नही मुरझाने के बाद
अगर मुरझा गए तुम तो
क्या खुद को खिला...
क्या उसे बदल पाओगे
बीत गया जो समय
क्या उसे फिर से जी पाओगे
खिलते तो फूल भी नही मुरझाने के बाद
अगर मुरझा गए तुम तो
क्या खुद को खिला...