...

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आंसू है श्रृंगार हृदय का हृदय में रहने दो...!
जब जब हृदय मथा है मैंने
तब तब अधर लगे कुछ कहने
और जब-जब अधर सिये है मैंने
तब तब नयन लगे हैं बहने
मत बहने दो नैनो को
की आंसू है श्रृंगार हृदय का
हृदय में रहने दो...!

अज्ञात
© SunitaShaw