नाम ले रहा है।
दिल मेरी जान तेरा नाम ले रहा है,
दिमाग भी कहां सब्र से काम ले रहा है।
कहानी तेरी मेरी हो गई ख़त्म कब की,
कौन ज़बान दराज़ तेरा नाम ले रहा है?
मैंने कहां था चांद से इस्तकबाल करे तुझ से,
अब हर सजदे में चांद हराम ले रहा हैं।
मेरी आयते,वजू सब तेरे नाम से तो हैं,
कौन कंबख्त फिर तेरा नाम ले रहा है?
एक गलती मैंने की भूगद रहा हूं आज तक,
सुना हैं तू नींद में मेरा नाम ले रहा है।
© वि.र.तारकर.
दिमाग भी कहां सब्र से काम ले रहा है।
कहानी तेरी मेरी हो गई ख़त्म कब की,
कौन ज़बान दराज़ तेरा नाम ले रहा है?
मैंने कहां था चांद से इस्तकबाल करे तुझ से,
अब हर सजदे में चांद हराम ले रहा हैं।
मेरी आयते,वजू सब तेरे नाम से तो हैं,
कौन कंबख्त फिर तेरा नाम ले रहा है?
एक गलती मैंने की भूगद रहा हूं आज तक,
सुना हैं तू नींद में मेरा नाम ले रहा है।
© वि.र.तारकर.