...

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खुश
चलो छोड़ो दुनियादारी
फिर एक बार खुश होते हैं
अपनी दुनिया को समेटकर
दिल से पहले खुद को देखते हैं
सबने अपना अपना काम किया
किसी ने रुसवा तो किसी ने बर्बाद किया
प्रीत की डोर न बंधी किसी से
क्योंकि सबने दिमाग से काम किया...