...

9 views

कॉलेज का दिन भी गुजर गया

कॉलेज का वह पहला दिन आखरी बन गया
इस कोरोना ने हमसे सब कुछ छीन लिया।
आंखों के वह सारे सपने
पानी सा बन बेह गया
वह आखरी दिन की मौज मस्ती
बस हवा बन उड़ गया।
वह शर्ट पर लिखने का सपना
बस सपना ही रह गया
आखरी बार सबसे गले मिलना
इस कोरोना ने छीन लिया।
फर्स्ट सेम से सिक्स सेम
न जाने कब निकल गया
वह दोस्तों के साथ क्लास बंक करना
बस अब याद बनकर रह गया।
वह बोरीग क्लास में मोबाइल चलाना
बस यादों में ही रह गया।
पता नहीं फिर मिलेंगे भी या नहीं
सब एक दूसरे से बिछड़ गया।
जिंदगी की दौड़ में
बस यह एक सुंदर सा सपना बन गया
मजाक मस्ती करते करते
सारा समय गुजर गया।

✍️ रोहित गुप्ता
© rohit gupta