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इशारा
#ProposeDay #ProposeDay💍

पास रह कर भी तनहा रहूं, तो बेहतर है मैं तनहा रहूं,
तुम्हारे दिल में जगह नहीं है, तुम्ही बताओ मैं कहां रहूं।।

मेरे जज़्बात समझने के लिए तुम्हे ज़ुबान की जरूरत है,
अच्छा है की मैं कुछ ना कहूं।।
मेरी आँखो को तुमहरी आँखे नही पढ़ पाई,
भला इससे बेहतर कैसे बयां करू।।

इतना रहता हु तुम्हारे खयालों में की खुद को भूल गया हूं,
मैं खुद को तुम्हारा इससे जायदा क्या करू,
तुम्हारी हर शर्त मंजूर है हमें,
बताओ तो वायदा क्या क्या करू।।

धड़कने तेज़ हो जाती है तेरे पास आते ही,
मैं तुम्हें और क्या इशारा करू,
घर का चूल्हा जलता है मेरे पसीने से,
तुम्ही बताओ तुम्हे अंगूठी दु या परिवार का गुजारा करू।।

© @badnamLadka