मुझे उनसे....
अपनों में गिनते थकते नहीं थे ,
अब अजनबियों में मुझको गिनने लगे वो,
उनकी ऐसी हिमाकत हो गयी है।
इतनी ठोकरें मिल रही ऐ जमाने तुझसे,
मैं औरों से क्या शिकायत करूं,
मुझे खुद से शिकायत हो गयी है।
इल्म है मुझे तेरी हर बदसलुकियों का,...
अब अजनबियों में मुझको गिनने लगे वो,
उनकी ऐसी हिमाकत हो गयी है।
इतनी ठोकरें मिल रही ऐ जमाने तुझसे,
मैं औरों से क्या शिकायत करूं,
मुझे खुद से शिकायत हो गयी है।
इल्म है मुझे तेरी हर बदसलुकियों का,...