खामोशी के साये मे रखता हूँ
लहरो पर उतरना चाहता हूँ,
पर किनारे बैठे डूबने से डरता हूँ
दिल मे है बहुत कुछ,
पर कहने से डरता हूँ,
हो न जाओ नाराज इसलिए,
खुद को खामोश रखता हूँ
पाना भी चाहता हूँ,
पर खोने से भी डरता हूँ
मोहब्बत के आगोश मे रहकर,
मोहब्बत से खुद को दूर रखता हूँ
याद मुझे भी आती है तुम्हारी
पर ये बताने से मैं डरता हूँ...
पर किनारे बैठे डूबने से डरता हूँ
दिल मे है बहुत कुछ,
पर कहने से डरता हूँ,
हो न जाओ नाराज इसलिए,
खुद को खामोश रखता हूँ
पाना भी चाहता हूँ,
पर खोने से भी डरता हूँ
मोहब्बत के आगोश मे रहकर,
मोहब्बत से खुद को दूर रखता हूँ
याद मुझे भी आती है तुम्हारी
पर ये बताने से मैं डरता हूँ...