आखरी क़िस्त
अपनी वफा लम्हों की थी ,
ना सदियों की कसम खाई हमने ।
ना रंजिसे ,ना मलाल रहा,
ना इक दूजे...
ना सदियों की कसम खाई हमने ।
ना रंजिसे ,ना मलाल रहा,
ना इक दूजे...