...

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#बिटिया
गर्भ मे पलती बेटी पल-पल करे गुहार,
माँ मुझे मत मार, ओ माँ मुझे मत मार

मैं भी दुनिया देखूँगी, चिड़िया सी मैं चहकूँगी,
तेरे आँगन की बन फुलवारी, फूलों सी मैं महकूँगी
गुड़ियों संग मैं खेलूँगी, कोयल सी मीठी बोलूँगी,
पायल की छम-छम करती माँ, तेरे आँगन डोलूँगी

बन जाऊँगी माँ मैं तेरे आँगन की झंकार
माँ मुझे मत मार,ओ माँ मुझे मत मार

मिश्री सी बोली घोलूँगी माँ तेरे कानों में,
आँसू ना कभी आने दूँगी माँ तेरी आँखों मैं,
नन्हें हाथ बटाऊंगी माँ तेरे कामों में,
मलहम सी लग जाऊँगी माँ तेरे घावों में

तेरे सुख की ख़ातिर दूँगी अपना तन-मन वार
माँ मुझे मत मार, ओ माँ मुझे मत मार

तेरे आँगन की तुलसी बन मैं बढ़ती जाऊँगी,
पूजा की कलसी का पानी बन बहती जाऊँगी,
तेरे घर आँगन की माँ शोभा मैं बढ़ाऊंगी,
बेटी, बहन, माँ, पत्नी हर रिश्ते को निभाऊँगी.

रोशन कर दूँगी घर आँगन बन सूरज की दमकार
माँ मुझे मत मार, ओ माँ मुझे मत मार

तेरे भीतर नन्हीं जान हूँ माँ,
तेरी ममता का सम्मान हूँ माँ,
स्नेह प्यार और दुलार की,
मैं ही तो पहचान हूँ माँ

बन जाऊँगी माँ मैं तेरी खुशियों का संसार
माँ मुझे मत मार, ओ माँ मुझे मत मार

#जुगनू