जिंदगी हमसे
थोड़ी सी खुशियां चाही क्या खता हो गई,
जिंदगी हमसे जो इस तरह खफा हो गई।
सुनु दिल की खामोशियां या जज्बातों को,
यूं जो जीने की न जाने कैसे पता खो गई।
सूरज की रोशनी की जैसे जो चमकती थी,
अब रोशनी...
जिंदगी हमसे जो इस तरह खफा हो गई।
सुनु दिल की खामोशियां या जज्बातों को,
यूं जो जीने की न जाने कैसे पता खो गई।
सूरज की रोशनी की जैसे जो चमकती थी,
अब रोशनी...