वो बातें by Rajeev
दिल से निकली दिल की बातें
दिल पे जो सवाल हुआ
फिर बात - बात में बात मिली जो
फिर तो हय कमाल हुआ
जरा सोचो जो यूं होता तो
अगर बात न मिलती
या हम न कह पाते
तो क्या जीने में ऐसी बात होती
क्या मैं तेरे यूं साथ होता
क्या तुम मेरे साथ होती ??
इसलिए दिल से बातों का
दिल के सारे जज्बातों का
होठ पे आ पिघलना बहुत जरूरी है
ये बात है हमारी हम दोनों की
सिर्फ़ तेरी न ___सिर्फ मेरी है
ये बात मिले तो बात बने
दो दीवानों का साथ बने
इसी साथ की दुनियां सबसे ज्यादा प्यासी है
इस साथ बिना जीवन में घनघोर उदासी है
दिल के गुलशन में तितलियों सी ये बातें
रंग बिरंगी नीली पीली कलियों सी ये बातें
इन बातों में अजान की खुशबु
इन बातों में इलाही
ये बातें आपस में मिलकर
फिर हम दोनों को भी मिलाई
तेरी खट्टी मीठी बातों के धागे से ही
मैं गीत प्यार का बुनता हूं।
वफा की जब बातें होती है
मैं तेरा नाम ही चुनता हूं
बात बात पे बिना बात का
तेरी ये आदत रूठ जाना
फिर प्यार भरी दिलकश बातों से
मेरा यूं तुम्हें मनाना
कितने निराले है न
ये बातों का किरदार
सलामत रखे प्यारी - प्यारी बातें
हम दोनों का प्यार
___
© Rajeev Ranjan