...

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NIRBHAYA 2.0
आज फिर एक बेटी चली गई
चीखीं चिलाई पर दरिंदो से ना बची गई
आज फिर एक बेटी चली गई
ना बचा सकी खुद की जान पर लाखों की जान बचाई थी बड़ी मेहनत कर वो डाक्टर बन आई थी
माँ बाप के सपने को पुरा करने वो घर से दूर आई थी,
देखा अकेले उन दरिंदो ने उसके जिस्म को नोच लिया नन्गा कर जिस्म को उसके फिर बाजार मे फेक दिया,
दिया उसके माँ बाप को झूठी द दिलाशा,
दाग मिटाये राज मिटाये फिर...