जिंदगी
चार दिन की जिंदगी में दो दिन गुजर गए,
दो बाकी है वो भी गुजर जाएगा,
एक दिन दुनियां के भाग_ दौड़ में खो जायेगा,
और एक दिन, वो आखिरी दिन
अगर जीवन के पन्ने में लिखा है,
तो जटिल तो आखिरी पन्ने को पलटना होगा,
आज परिवार से दूर होकर अकेले है,
तब परिवार के साथ अकेले होंगे,
आज हांथ_ पैर साथ दे रहे,
पर उस आखिरी के दिन,
जब रोजमर्रा की जिंदगी में
अपना शरीर साथ न देगा,
जीवन के चार_ चरण,...
दो बाकी है वो भी गुजर जाएगा,
एक दिन दुनियां के भाग_ दौड़ में खो जायेगा,
और एक दिन, वो आखिरी दिन
अगर जीवन के पन्ने में लिखा है,
तो जटिल तो आखिरी पन्ने को पलटना होगा,
आज परिवार से दूर होकर अकेले है,
तब परिवार के साथ अकेले होंगे,
आज हांथ_ पैर साथ दे रहे,
पर उस आखिरी के दिन,
जब रोजमर्रा की जिंदगी में
अपना शरीर साथ न देगा,
जीवन के चार_ चरण,...