अपनों के सुलूक
अपनों के सुलूक से परेशां कौन नही है !
लाचारी सहता खड़ा मानव मौन वही है !!
एकलव्य सा त्याग देता अंगूठा सहर्ष ही,
स्वार्थी जग में बताओं कहाँ द्रोण नही है ?
अपनों के सुलूक से व्यथित हुए अगर जो, ...
लाचारी सहता खड़ा मानव मौन वही है !!
एकलव्य सा त्याग देता अंगूठा सहर्ष ही,
स्वार्थी जग में बताओं कहाँ द्रोण नही है ?
अपनों के सुलूक से व्यथित हुए अगर जो, ...