स्पर्श का जादू
तुम्हारे स्पर्श का जादू कुछ ऐसा है,
जैसे बंजर धरती पर पहली बारिश।
हर ज़ख्म सिहरकर भूल जाता है,
तुम्हारा एहसास कोई तान सुनाता है।
हवा की तरह हल्का, पर गहरा,
जैसे मन की परतों में घर कर जाए।
तो कभी धड़कनों...
जैसे बंजर धरती पर पहली बारिश।
हर ज़ख्म सिहरकर भूल जाता है,
तुम्हारा एहसास कोई तान सुनाता है।
हवा की तरह हल्का, पर गहरा,
जैसे मन की परतों में घर कर जाए।
तो कभी धड़कनों...