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#चेहरे
#चेहरे
जब से उसने खत लिखना छोड़ दिया
हमने उसके चेहरे को पढ़ना छोड़ दिया
जब से उसने मंदिर जाना छोड़ दिया
हमने सफों में खड़ा रहना छोड़ दिया।
उसकी मीठी बातों में आना छोड़ दिया
उसकी क्लास में हमने जाना छोड़ दिया
उससे पिछली बेंच पर बैठना छोड़ दिया
मेरे यारों ने उसे भाभी कहना छोड़ दिया।
किसी मुसाफिर ने मशवरा सजदों का दिया
हमने इबादतों में उसको रखना छोड़ दिया
एक डर था दोज़ख़ वो कब का छोड़ दिया
अब हमने काली रातों में जगना छोड़ दिया।।
© Nitish Nagar
जब से उसने खत लिखना छोड़ दिया
हमने उसके चेहरे को पढ़ना छोड़ दिया
जब से उसने मंदिर जाना छोड़ दिया
हमने सफों में खड़ा रहना छोड़ दिया।
उसकी मीठी बातों में आना छोड़ दिया
उसकी क्लास में हमने जाना छोड़ दिया
उससे पिछली बेंच पर बैठना छोड़ दिया
मेरे यारों ने उसे भाभी कहना छोड़ दिया।
किसी मुसाफिर ने मशवरा सजदों का दिया
हमने इबादतों में उसको रखना छोड़ दिया
एक डर था दोज़ख़ वो कब का छोड़ दिया
अब हमने काली रातों में जगना छोड़ दिया।।
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