...

13 views

ज़िद
किसी को हंसाने की ज़िद हो,
किसी को सजाने की ज़िद हो,
जिंदगी मुकम्मल हो उसकी,
जिसे सबको बचाने की ज़िद हो।

कही गरीबी मिटाने की ज़िद हो,
कही घर बसाने की ज़िद हो,
रिश्तों की खटास को भुलाकर,
कहीं अपनेपन से धूल हटाने की ज़िद हो ।

संग अपने सबको लाने की ज़िद हो,
कदम से कदम मिलाने की ज़िद हो,
हर मुश्किल घड़ी में,
इंसानियत से रिश्ता निभाने के ज़िद हो।

जानवरों को भी अपना बनाने की ज़िद हो,
चिंतन से चिंता में ना लड़खड़ाने की ज़िद हो,
पशु-पक्षी सब को अपना समझकर,
उनके आशियाने को बचाने की ज़िद हो।

माँ- बाप को न छोड़ने की ज़िद हो,
किसी के दिल को न तोड़ने की ज़िद हो,
खुद पीछे हटकर भी,
दो दिलों को जोड़ने की ज़िद हो।

अंतिम सांस तक देश के लिए मरने की ज़िद हो,
तिरंगे के सामने किसी से ना डरने की ज़िद हो,
फक्र हो हर माँ को अपनी संतान पर,
जब हर इंसान में कुछ अच्छा करने की ज़िद हो।

( ज़िद का होना बहुत ज़रूरी है जिंदगी में,बस वो सकारात्मक हो।)
©राम कुमार सिंह