...

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रोकना चाहूँ लेकिन रोक ना पाऊँ
तुझे रोकना चाहूं लेकिन रोक ना पाऊं,
अपने दिल की बात तुझसे कह ना पाऊं,
तुझ बिन सुकून नही है मुझे,
तुझ बिन में बता कहाँ जाऊं,
तुझे रोकना चाहूँ लेकिन रोक ना पाऊं....

तुझे छूना चाहूँ लेकिन छू ना पाऊं,
तुझे देखने को में तरस जाऊं,
समझती सब हूँ लेकिन यह दिल को कैसे समझाऊं,
तुझे रोकना चाहूँ लेकिन रोक ना पाऊं....

जानती हूं कि तेरा काम है ज़रूरी,
दो वक्त की रोटी लाने की है मजबूरी,
अपने आप को समझा रही हूँ बार बार,
ना करे बेवक़्त तेरा इंतेज़ार,
फिर भी दिल मानता नही की ना करे तुझसे प्यार
तुझे रोकना चाहूँ लेकिन रोक ना पाऊं...

मेरी आँखें हो गयी है नम और भीग गयी आँसुओं से मेरी पलक,
तरस रही हूँ तेरी बस देखने को एक झलक,
तू दूर है फिर भी लगता है मेरे है पास,
तेरी मौजूदगी का हर वक़्त होता है मुझे एहसास,
तुझे रोकना चाहूँ लेकिन रोक ना पाऊँ....

मुश्किल बिन देखे तुझे जीना हो गया है,
मेरा इंतेज़ार और सब्र कहीं खो गया है,
अगर तरस आए मुझपे तो एक बार मिलने आ जाना,
तेरा चेहरा आखरी बार देख कर सरल हो जाएगा मेरा मर पाना,
तुझे रोकना चाहूँ लेकिन रोक ना पाऊँ....
#Love
















© DM मन की बातें