Gazal ke trane
Gazal ke trane
जलबा ये हुस्न अब रोंके नहीं रुकेंगे
कितना ही छिपाए बिखर के रहेंगे
जितना दबायेंगें उतना उभरेंगें
डालेंगें इस तरह शौक अंदाज
तो दिल के अरमां मचल के रहेंगे
चिंगारी है तेरी मस्त निगाहे
ये शीशे के सामने पिघलके रहे
हम भी चुप ना रहेंगे यही कहेंगे
जलबा ये हुस्न अब रोंके नहीं रुकेंगे
ये गोरे गोरे गालों पे काली काली लट
कोई हटा ना दे चुपके से घूंघट
पवन सरी सी शशरत ना उठा दे तेरा घूंघट
...
जलबा ये हुस्न अब रोंके नहीं रुकेंगे
कितना ही छिपाए बिखर के रहेंगे
जितना दबायेंगें उतना उभरेंगें
डालेंगें इस तरह शौक अंदाज
तो दिल के अरमां मचल के रहेंगे
चिंगारी है तेरी मस्त निगाहे
ये शीशे के सामने पिघलके रहे
हम भी चुप ना रहेंगे यही कहेंगे
जलबा ये हुस्न अब रोंके नहीं रुकेंगे
ये गोरे गोरे गालों पे काली काली लट
कोई हटा ना दे चुपके से घूंघट
पवन सरी सी शशरत ना उठा दे तेरा घूंघट
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