कुछ भरम रख लेते है..!!
सब बड़े है यहाँ, अब उम्मीद हम ही, सबसे कम रख लेते है,
वो ज़िम्मेदार है मेरी फ़िक्र है उन्हें, अच्छा है, भरम रख लेते है,
आंखे बयान देती है मेरा, दिल-ए-हाल पर सिसक उठती है,
उनको देखते ही झुक जाते है, ये थोड़ा सरम रख लेते है,
वो अपने है की हम गैर हो गए, हम इन बातों में उलझे है,
वो अपना घेरा बना रहे है, शायद हम ही दूर कदम रख लेते है,
ये मुझे महसूस क्यों नहीं होता है की, उनके हिस्से में मैं भी हूँ,
लगता है हम ही ग़लत है, चलो ये सवाल भी हम रख लेते है..!!
#vishakhatriapthi
© Vishakha Tripathi
वो ज़िम्मेदार है मेरी फ़िक्र है उन्हें, अच्छा है, भरम रख लेते है,
आंखे बयान देती है मेरा, दिल-ए-हाल पर सिसक उठती है,
उनको देखते ही झुक जाते है, ये थोड़ा सरम रख लेते है,
वो अपने है की हम गैर हो गए, हम इन बातों में उलझे है,
वो अपना घेरा बना रहे है, शायद हम ही दूर कदम रख लेते है,
ये मुझे महसूस क्यों नहीं होता है की, उनके हिस्से में मैं भी हूँ,
लगता है हम ही ग़लत है, चलो ये सवाल भी हम रख लेते है..!!
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© Vishakha Tripathi