Motivational poem, yes you can.
ऊँचे इरादों को पालना सीखा हैं..
असंभव से नाता मेने अब तोड़ा हैं..
कितना भी मजबूत क्यों न हो काफिला कठिनाइयों का ,परवाह नहीं
मेने भी अब गिरके उठना सीखा हैं ।
कि जिन्दगी -ए -सफ़र में बुलंदियों के आशियाने बहुत हैं ..
पर यहाँ कठिनाइयों को भी अपने मंसूबो पे घमंड बहुत हैं ..
जंग छिड़ ही गयी...
असंभव से नाता मेने अब तोड़ा हैं..
कितना भी मजबूत क्यों न हो काफिला कठिनाइयों का ,परवाह नहीं
मेने भी अब गिरके उठना सीखा हैं ।
कि जिन्दगी -ए -सफ़र में बुलंदियों के आशियाने बहुत हैं ..
पर यहाँ कठिनाइयों को भी अपने मंसूबो पे घमंड बहुत हैं ..
जंग छिड़ ही गयी...