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एक कदम
चलो आज एक कदम और उठाते है
एक काम और करते है
दूसरे देशों की
बाद में देखी जाएगी
अब ज़रा यहां मुहब्बत की बात करते है।।
चलो आज एक कदम और उठाते है
पूरे हिन्दुस्तान को साथ लाते है
कोई दुश्मन नहीं
किसी से कोई बैर नहीं
बस प्यार से प्यार बांटते है
दोस्त दूसरे देशों में नहीं
पहले हिंदुस्तान में ही बनाते है।।
चलो आज एक कदम और उठाते है
ये मज़हब से तौलना रोक देते है
जात पात की बातों को
गंभीरता से नहीं लेते है
थोड़ी इज़्ज़त सबकी करते है
थोड़ी मदद भी कर लेते है
अपनापन थोड़ा अब बांट लेते है।।
चलो आज एक कदम और उठाते है
सम्मान सबका करते है
चाहे वो औरत हो या पुरुष
कोई भेदभाव नहीं रखते है
अब एकता का वो बल दिखाते है।।
चलो एक कदम और उठाते है
कोई और बुरी नजर से हिंदुस्तानी को देखे
तो उसकी नज़रे नोच डालते है
कोई हिन्दुस्तान का बुरा करे
तो उसको उखाड़ फेकते है।।
चलो एक कदम और उठाते है
साथ होने की अब बात करते है
क्या कहते हो
क्या कर पाएंगे हम ऐसा
वही एकता के मज़बूती पर जीता भारत?
चलो एक कदम और उठाते है
जहा कोई ना कहलाते
वो हिन्दू,वो मुसलमान
वो सिख,वो ईसाई
वो बौद्ध,या वो जैन
बस धर्म से इंसानियत
और जात से इंसान ही कहलाते है
कोई पहचान पूछे तो बस
हिन्दुस्तानी ही कहलाते है।।
क्या हम शपथ ले सकते है
की फिर होंगे सब एक जुट
फिर जिएगा हमारा हिन्दुस्तान
हम सबका भारत?
क्या ऐसा कदम अब ले सकते है?
- अनु अनुष्का
एक काम और करते है
दूसरे देशों की
बाद में देखी जाएगी
अब ज़रा यहां मुहब्बत की बात करते है।।
चलो आज एक कदम और उठाते है
पूरे हिन्दुस्तान को साथ लाते है
कोई दुश्मन नहीं
किसी से कोई बैर नहीं
बस प्यार से प्यार बांटते है
दोस्त दूसरे देशों में नहीं
पहले हिंदुस्तान में ही बनाते है।।
चलो आज एक कदम और उठाते है
ये मज़हब से तौलना रोक देते है
जात पात की बातों को
गंभीरता से नहीं लेते है
थोड़ी इज़्ज़त सबकी करते है
थोड़ी मदद भी कर लेते है
अपनापन थोड़ा अब बांट लेते है।।
चलो आज एक कदम और उठाते है
सम्मान सबका करते है
चाहे वो औरत हो या पुरुष
कोई भेदभाव नहीं रखते है
अब एकता का वो बल दिखाते है।।
चलो एक कदम और उठाते है
कोई और बुरी नजर से हिंदुस्तानी को देखे
तो उसकी नज़रे नोच डालते है
कोई हिन्दुस्तान का बुरा करे
तो उसको उखाड़ फेकते है।।
चलो एक कदम और उठाते है
साथ होने की अब बात करते है
क्या कहते हो
क्या कर पाएंगे हम ऐसा
वही एकता के मज़बूती पर जीता भारत?
चलो एक कदम और उठाते है
जहा कोई ना कहलाते
वो हिन्दू,वो मुसलमान
वो सिख,वो ईसाई
वो बौद्ध,या वो जैन
बस धर्म से इंसानियत
और जात से इंसान ही कहलाते है
कोई पहचान पूछे तो बस
हिन्दुस्तानी ही कहलाते है।।
क्या हम शपथ ले सकते है
की फिर होंगे सब एक जुट
फिर जिएगा हमारा हिन्दुस्तान
हम सबका भारत?
क्या ऐसा कदम अब ले सकते है?
- अनु अनुष्का
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