आओगे ना
रोई अगर तो आंसू पोछने तो आओगे ना
टूटी अगर तो समेटने आओगे ना
जरूरत हुई तो जरूरत बनकर आओगे ना फिर मिले कन्ही तो बात करोगे ना
लगे कुछ अधूरा तो पूरा करने आओगे ना
अपना कहकर मुझे बुलाओगे ना
बुरे वक़्त में सीने से तो लगाओगे ना
मैं अब भी तुम्हारे साथ हूं ये कहकर पुकारते रहोगे ना ।
कल को अगर में ना रहूं तो भी यही सम्मान दोगे ना।
ansu jannat
टूटी अगर तो समेटने आओगे ना
जरूरत हुई तो जरूरत बनकर आओगे ना फिर मिले कन्ही तो बात करोगे ना
लगे कुछ अधूरा तो पूरा करने आओगे ना
अपना कहकर मुझे बुलाओगे ना
बुरे वक़्त में सीने से तो लगाओगे ना
मैं अब भी तुम्हारे साथ हूं ये कहकर पुकारते रहोगे ना ।
कल को अगर में ना रहूं तो भी यही सम्मान दोगे ना।
ansu jannat