कभी तो मिलने आओगे.
किसी दिन तो तुम मिलने आओगे....
किसी दिन तो तुम मुझको बुलाओगे।
आजकल तो मशरूफ़ हो जानेमन और ही कहीं
अब तो खाली वक्त भी मेरे लिए ना पाओगे।
कभी मिलने को,बोलने को तुम तरसते थे..
अब नज़र अंदाज करके मुझको कठोर...
किसी दिन तो तुम मुझको बुलाओगे।
आजकल तो मशरूफ़ हो जानेमन और ही कहीं
अब तो खाली वक्त भी मेरे लिए ना पाओगे।
कभी मिलने को,बोलने को तुम तरसते थे..
अब नज़र अंदाज करके मुझको कठोर...