हुनर
नदी को क्या खबर मेरे सबर की
समुन्दर को भी समुन्दर में डुबाने का हुनर रखता हूं
मुझपे क्या करेंगे असर जाम शीशे के
आयने को भी आयना दिखाने का हुनर रखता हूं
कितनी कोशिशें तो हो गई है नाकाम
आजमाइशो को भी आजमाने का हुनर रखता हूं
कैसे भीगो देगी मुझे ये मौसमी महक
मैं जो "दीप" हूं सावन को जलाने का हुनर रखता हूं
© शायर मिजाज
समुन्दर को भी समुन्दर में डुबाने का हुनर रखता हूं
मुझपे क्या करेंगे असर जाम शीशे के
आयने को भी आयना दिखाने का हुनर रखता हूं
कितनी कोशिशें तो हो गई है नाकाम
आजमाइशो को भी आजमाने का हुनर रखता हूं
कैसे भीगो देगी मुझे ये मौसमी महक
मैं जो "दीप" हूं सावन को जलाने का हुनर रखता हूं
© शायर मिजाज