दीदी
कब चली भोली भाली, दीदी किसी की बीवी
याद कहां है वा दिन ,ना समझो कब बन गई तू दुल्हन
एक साथ बड़े हुहै, कैसे तू चल गई रै
हासे कुदे ढाट खाएं, कैसे में अकेला सोचना पाए
बचपन से...
याद कहां है वा दिन ,ना समझो कब बन गई तू दुल्हन
एक साथ बड़े हुहै, कैसे तू चल गई रै
हासे कुदे ढाट खाएं, कैसे में अकेला सोचना पाए
बचपन से...