कैसी मजबूरी है
ये कैसी मजबूरी है की
रो भी नही सकता
तुझसे बिछड़कर अब
जी भी नही सकता
एक उम्र से जिसको
दिल मे बसाया है
किसी और का...
रो भी नही सकता
तुझसे बिछड़कर अब
जी भी नही सकता
एक उम्र से जिसको
दिल मे बसाया है
किसी और का...