फिर टकरायी नज़र मेरी
जो कल थके थे,
निगाहों से..
वो आज मिलाना पड़ गया
सुर्खियाँ आज भी है,
तेरे इश्क में
पाने की..
ये सच गोया..
मोहलत मिले ,
अगर मुझे!
तेरा नाम,
लबों पे लिख दूँगा..
गर नजरअंदाज करो न तुम
देखूँ जी भरके
अगर..
हिक़ारत करो न मुझसे
सच कहता हूँ ..
जानूँ..
मैं दिल में तुझे बसा लूँगा!
कितनी चाहत है मुझमें
तुझे क्या बताएँ
इस दिल से..
बड़ी बेजुबां ,
है नज़रे तेरी
जो चुपके से मुझे देख लिया
मैं उस दिन से प्यार करने लगा
तुम न समझो बात मेरी
पर..
तुझे ही मेरा दिल अपना लिया
❤️❤️❤️❤️❤️❤️
मनोज कुमार
गोंडा जिला उत्तर प्रदेश
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