शिखर तरू से पूछ लो अब तो...!
✨💯🍁🐾👣🔱🌷💅🎀
उतरो तरू से जल्द अभी यूं चढ़ो न ज्यादा दूर!
उतारने के लिए मित्र अब करो न मुझे मजबूर।
🎀✨💯🍁🐾👣🔱🌷💅
शिखर तरू से पूछ लो अब तो!
तुम कितना ऊपर चढ़ पाओगे!
💅🎀✨💯🍁🐾👣🔱🌷
ऊँचे घने हैं ये बहुत बहुत ऊपर तक!
अब तुम भी क्या अंदाज़ लगाओगे?
🌷💅🎀✨💯🍁🐾👣🔱
सुबह सुबह उस निर्जन वन में,
तुम कब तक समय बिताओगे?
🔱🌷💅🎀✨💯🍁🐾👣
हो रहा अंधकार भी अब तो,
क्या वापस घर को नहीं जाओगे?
👣🔱🌷💅🎀✨💯🍁🐾
उतर जाओ अब जल्दी नीचे!
क्या अब भी नीचे नहीं आओगे?
🐾👣🔱🌷💅🎀✨💯🍁
जल्द करो, करो देरी न ऐसे!
तुम कितना इंतज़ार कराओगे?
🍁🐾👣🔱🌷💅🎀✨💯
कल जाना फिर निर्जन वन में!
आज करो बस! आ जाओ घर।
💯🍁🐾👣🔱🌷💅🎀✨
वरना करेंगे घर में तलाश सभी!
तो उतरो जल्द, आ जाओ नगर।
✨💯🍁🐾👣🔱🌷💅🎀...
उतरो तरू से जल्द अभी यूं चढ़ो न ज्यादा दूर!
उतारने के लिए मित्र अब करो न मुझे मजबूर।
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शिखर तरू से पूछ लो अब तो!
तुम कितना ऊपर चढ़ पाओगे!
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ऊँचे घने हैं ये बहुत बहुत ऊपर तक!
अब तुम भी क्या अंदाज़ लगाओगे?
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सुबह सुबह उस निर्जन वन में,
तुम कब तक समय बिताओगे?
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हो रहा अंधकार भी अब तो,
क्या वापस घर को नहीं जाओगे?
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उतर जाओ अब जल्दी नीचे!
क्या अब भी नीचे नहीं आओगे?
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जल्द करो, करो देरी न ऐसे!
तुम कितना इंतज़ार कराओगे?
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कल जाना फिर निर्जन वन में!
आज करो बस! आ जाओ घर।
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वरना करेंगे घर में तलाश सभी!
तो उतरो जल्द, आ जाओ नगर।
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