...

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सियासत का कचरा
जो मन में पाप रखता है
वो पावन हो नहीं सकता
गुलों के साथ रह कर भी
वो चंदन हो नहीं सकता
सियासत में जो कचरा है
वो कंचन हो नहीं सकता


किसी को क्या बताऊँ मैं
देश का हाल कैसा है
इशारों पर किसी के जो
बिछा ये जाल कैसा है
मोहब्बत से, नसीहत दो
हिदायत दो या समझाओ
बड़ी गंभीरता से पूछता हूँ
कृपया आप बतलाओ
जहाँ नफरत पनपती है
वो अमृत काल कैसा है

@bhaskargguru /Instagram
#अनकहें_शब्द