...

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औरत और रसोई का रिश्ता
औरत और रसोई का रिश्ता
ईश्वर ने यूं आसान बना दिया
कहा....

सुन गृहिणी...

अगर ग़म में नम हो आंखें
बेझिझक आँसू तुम बहा लेना
कोई ग़र पूछे क्यूँ आँसू हैं बहाया
सारा दोष प्याज पर लगा देना,
कुछ इस तरह अपना ग़म छुपा लेना
प्याज को शामिल सब्जी में करा लेना।।।।

ससुराल की बाते लगने लगे कड़वी
करेले की सब्जी तुम बना लेना
बातों से भी कड़वी होती है कोई
ये सबक करेले से तुम सीख लेना
मन की कड़वाहट कुछ इस तरह
करेले की कड़वाहट से छुपा लेना।।।

रिश्तों की मिठास बनाए रखना
चीनी को तुम छोटा ना समझना
हर दाने है मिठास से भरे
तीखा कहे कोई मीठा तुम चख लेना
अपनी रसोई में चीनी तुम रख लेना।।।

नमक बिन बेस्वाद है जिंदगी
नारी बिन बस ख्वाब है जिंदगी
रिश्तों के लिए पसीना बहा लेना
खुद को थोड़ा नमकीन बना लेना
ज्यादा मिठास बुलावा चींटी को है देती
बस तब थोड़ा नमक तुम बिखरा देना।।

तप कर जलने लगों लोगों की बातों से
चूल्हे की अग्नि तुम सुलगा लेना
झोंक देना उन बेकार की बातों को,
खुद को अग्नि सी पावन तुम बना लेना।।।

दिलाए अगर कोई क्रोध तुम्हें,
जल की कुछ बूंदे तुम पी लेना
कर लेना क्रोध की ज्वाला को शांत
सदा शीतल जल सी तुम बहना।।

स्त्री हो स्त्री ही तुम रहना
बस सोच समझ कर
थोड़ा नमक थोड़ा शक्कर
जिंदगी में शामिल तुम कर लेना।।।
© मिथलेश चांवरियां