...

12 views

प्रेम
अजीब है ये प्रेम की रीत पुरानी
न मिल कर भी मिलीं थी एक दीवानी !!
कृष्ण प्रेम में खो दिया खुद को उसने
उसके आगे हारी ये दुनिया सारी !!

उसके प्रेम के बदले मिला उसे विष का प्याला
फिर भी उसने इस जग से हार न माना !!
हारी नही उसने कभी ये लड़ाई
अपने प्रेम के लिए महलों को उसने छोड़ा !!

जिसके आगे फिरती थी दाशियां हजार
उसने चुना अपने लिया कांटो का बाजार !!
रानी से जोगन बन फिरती रही दर बदर
उसने बनाया अपने प्रेम को हथियार !!
© Namrata Mahato