...

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याद बहुत आए
नदिया किनारे हर शाम को मिलना,
देर से आना फिर बहाना बनाना।

बात बात पर तेरा वो रूठ जाना,
मनाते ही खिलखिलाकर हंसना।

मुझसे लिपट कर तेरा वो खूब रोना,
मेरे लबों को छूते ही शरमाकर मुस्कुराना।

हर शाम को मिलना वो रूठना मनाना,
याद बहुत आए आज वो गुजरा जमाना।