शब्दों का प्रभाव
शब्दों की ताकत को कम मत आंको
वर्तमान के साथ, भूतकाल में भी झांको
जब-जब समाज में कोई इंकलाब आया है
कलम ने ही जमकर अपना रौब दिखाया है
बदलते वक्त की हवा बखानती अक्सर अखबार
टेक्नोलॉजी के युग में भी है इसकी दरकार
डिजिटल हुआ ज्ञान बखान अब सारा
युवा पीढ़ी ने किया खुल कर स्वीकार
ब्लॉग और सोशल मीडिया पर लिख-लिख
बदल डाला समाज का जामा कुछ यूं
अब तो गर है कोई ठोस बदलाव लाना
शब्द चलेंगे गतिशीलता से, सुदर्शन चक्र ज्यूं
© Reema_arora