...

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बेटियों का नसीब
जिसके पैदा होने पर कोई खुशी न हो।
बराबरी का हक जिसे ना दिया जाए ।
क्या पहने ,कब क्या बोले ,कैसे उठे बैठे ये सब भी पूछ कर किया जाए ।
ज्यादा बढ़े सपने ना लेकर सीमित दायरे में रहे । गलत के सामने भी चुप रहने की और चुपचाप उसे सहने की हिदायते दी जाए ।
उसका खुद का कोई महत्व नहीं है उसे दूसरो के इशारों पर चलना सिखाया और हर बात पर तू जुत्ती समान है ये कहा जाए।जैसे एक मशीन को चलाया जाता है वैसे ही उसे भी चुपचाप चलने को कहा जाए।
मार पिटाई ताने बिना तो जिंदगी उसकी अधूरी है। कुछ करने...