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कैसे कह दू तुम ज़रूरत नहीं हो मेरी🌍💘
तेरी जो आदात होने लगी है ,
मुझे तेरी ज़रूरत होने लगीं है ।
दिल ने भी यही फ़रियाद की है ,
तेरे करीब मै आऊं ये दुआ कुबूल हुई है ।

मै जो चल रही थी अनजान रास्ते पर अकेले ,
तुझसे मिलकर ही मिली मै खिदी से ।
तुझसे मिलकर जाना मैंने ,
मै भी हूं ज़िन्दगी का हिस्सा किसी की ।

पनाह जो दी तुमने मुझे अपने दिल में ,
मुकम्मल हो गया मेरा ये पूरा जहां तुझी में ।
जरूरत नहीं अब मुझे किसी की ,
सांसे भी जाए तब भी मै रहूंगी तुझी की ।

अब ना बची कोई मंजिल जिसे हो पाना ,
बस थम जाये हर एक पल ,
जो बिताए मैंने तेरे सजदे में उम्र भर ।
तेरा बिना जीना आगे ना होगा मुमकिन ,
तुम रूह तक जो बस गए हो मेरी ।

कैसे कह दूं अब तुम आदत नहीं हो मेरी ,
कैसे कह दू अब तुम ज़रूरत नहीं हो मेरी ।
समेट लूं अब तेरा हर नूर खुदी में ,
की मौत भी आए तो हंस कर कह दूं उसे भी ।
तू कर ले कोशिश जुदा करने की कितनी भी ,
मै रहूंगी हमेशा तुझमें तुझसे जुदा होकर भी ।

ये वादा है मेरा तुझसे ,
तेरी हर वफ़ा का मुझसे ।
आखिरी सांस में भी ,
जुबां पर नाम होगा बस तेरा ही ,
इन आंखों में होगा सिर्फ़ चेहरा तेरा ही ।

कैसे कह दू अब तुम ज़रूरत नहीं हो मेरी ,
कैसे कह दू अब तुम आदत नहीं हो मेरी ।

@ashmita18