वाकई
#रहने-दिया
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
जुदा नहीं होना था पर जुदा उसे होने दिया;
उम्मीदों को अपने मैंने टूटने दिया,
साथ सभी का मैंने अब छूटने दिया;
अपनों को मैंने अब रूठने दिया,
सपनों को मैंने अब फूटने दिया;
जज़्बातों को खुल कर बहने दिया,
जुबां को बेझिझक बोलने दिया;
सभी को खुल कर कहने दिया,
मैंने अब बहुत कुछ रहने दिया;
© आशिष रतन
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
जुदा नहीं होना था पर जुदा उसे होने दिया;
उम्मीदों को अपने मैंने टूटने दिया,
साथ सभी का मैंने अब छूटने दिया;
अपनों को मैंने अब रूठने दिया,
सपनों को मैंने अब फूटने दिया;
जज़्बातों को खुल कर बहने दिया,
जुबां को बेझिझक बोलने दिया;
सभी को खुल कर कहने दिया,
मैंने अब बहुत कुछ रहने दिया;
© आशिष रतन