...

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मैंने मोहब्बत भी कि तुम जैसे कायर से
तुमने मेरे मोहब्बत को बदनाम कर दिया
‌‌ अब यह बातें फिजूल है ..

मैंने मोहब्बत भी कि तुम जैसे कायर से
‌ तुम बेवफा शायर है यह बात हम भूल बैठे
किसी और से नहीं
तुम जैसे कायर से मोहब्बत कर बैठे।

तुम राह चलते फूलों को तोड़ते हो
खुद में ही ये नसा कर लेते हो
बेवफा बन के हमें बदनाम कर दिया करते हो
तेरी सारी बातें फिजूल है
‌ तुमसे मोहब्बत कर बैठे यही हमारी भूल है......
बेवफाई हमसे और मोहब्बत सबसे
वाह रे शायर जानी
यह कैसे कर लेते हो।

जब तुमसे मिले थे तो मेरी सांसे चलती थी देखो ना ,
‌‌ तुमने इस कदर कर दिया हमें
अब खुद में मरे हुए आए हैं।

तेरी तलाश में निकले थे हम
‌ कहीं तुम मिलोगे
तुम ना मिले कहीं पर
पर तुम्हारी मोहब्बत हर राह में मिलती रही।
तुम हंस रहे हो हमें रुला के
इस बात का कोई गम नहीं
तुम कितने फूलों के तोड़े होंगे
इसका कोई गल नहीं
उससे वादा करके कितनों से बेवफाई करोगे...


तुम शौर्य शायर बेवफा हो
जिसका कोई हम नहीं..
पर मैं क्या करूंगी
हम दिल दे बैठे भी तुम जैसे कायर से
नफरत ही सही
उसमें भी थोड़ा मोहब्बत कर लिया करूंगी
तुम जैसे कायर से..........।


© shourya s. mishra