फौजी
फौजी
मै महज समझ पाती थी
एक फौजी की जिंदगी
उसे महसूस तब कर पाई
जब था उस वर्दी में मेरा भाई
यूं तो बहुत इज्जत की नौकरी है
पर मेरे भाई इनको
बाकी सबकी तरह वो हक कौन दे पाता है।
बहुत टूट जाती हूं अंदर से
पर हंस देती हूं उसके सामने से
जब वो अपने घर को छोड़ कर जाता है
बहन हू ना
मान भी बहुत करती हूं उसके फौजी होने पे
क्युकी वो देश के उन लोगो के प्रति अपना
कर्तव्य निभा रहा है
जिनकी वजह से ये संसार चैन की नींद सो रहा है।
बहुत बुरा लगता है उसे भी
जब वो अपना घर छोड़ कर जाता है
पर वो करे भी क्या
उसके सामने तो उसका देश खड़ा है।
कमजोर पडू भले ही कितना
उसे हिम्मत भी देती हूं
तू सम्भाल जाकर...
मै महज समझ पाती थी
एक फौजी की जिंदगी
उसे महसूस तब कर पाई
जब था उस वर्दी में मेरा भाई
यूं तो बहुत इज्जत की नौकरी है
पर मेरे भाई इनको
बाकी सबकी तरह वो हक कौन दे पाता है।
बहुत टूट जाती हूं अंदर से
पर हंस देती हूं उसके सामने से
जब वो अपने घर को छोड़ कर जाता है
बहन हू ना
मान भी बहुत करती हूं उसके फौजी होने पे
क्युकी वो देश के उन लोगो के प्रति अपना
कर्तव्य निभा रहा है
जिनकी वजह से ये संसार चैन की नींद सो रहा है।
बहुत बुरा लगता है उसे भी
जब वो अपना घर छोड़ कर जाता है
पर वो करे भी क्या
उसके सामने तो उसका देश खड़ा है।
कमजोर पडू भले ही कितना
उसे हिम्मत भी देती हूं
तू सम्भाल जाकर...