...

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मेरा पहला प्यार......
आंखो से बाते थी,होंठो के जाम थे,
वो लम्हा वो पल तो बस तेरे ही नाम थे।
एक सपने सी लगती थी मेरे जिंदगानी के,
मुहोबत के पंछी थे हम दोनों इस कहानी के।
हर लम्हे में तू ही तू, तेरे ही शाम थे,
वो लम्हा वो पल तो बस तेरे ही नाम थे..

सपना टूटा बिखरे आंसू ,
दिल भी खुदसे रूठ गया ।
हर पल हर लम्हा क्यों मुझको,
कैसे तुमने झूठ दिया।
घाव ये कैसे जालिम बने हैं,
रूह व कैसे रोती जाए ,
यादें तेरी बातें तेरी ,
आंखों को पल पल भिगोती जाए।
दुआ इबादत रब से मेरी,
तेरी धड़कन तो मेरी जान थी।
वो लम्हा वो पल तो बस तेरे ही तेरे नाम थी....