बर्थ डे ( कविता )
बर्थ डे
जब जब ये आता है मुझको माँ की याद दिलाता है।
क्या फर्क है माँ की ममता मे और बीवी के प्यार मे
माँ बनाती थी मेरे मनपसंद खाना और इस दिन बीवी को मिलता है बाहर घूमने का बहाना ।
केक खिलौने माँ लेकर देती बीवी फिल्म न दिखाने पर मुँह फेर लेती ।
माँ का प्यार निस्वार्थ और अनमोल है क्या
बीवी के प्यार का कोई मोल या तोल है
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जब जब ये आता है मुझको माँ की याद दिलाता है।
क्या फर्क है माँ की ममता मे और बीवी के प्यार मे
माँ बनाती थी मेरे मनपसंद खाना और इस दिन बीवी को मिलता है बाहर घूमने का बहाना ।
केक खिलौने माँ लेकर देती बीवी फिल्म न दिखाने पर मुँह फेर लेती ।
माँ का प्यार निस्वार्थ और अनमोल है क्या
बीवी के प्यार का कोई मोल या तोल है
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