अपने लोग
शहर के लोगों से भी
है कितना वास्ता
रोज़ रोज़ आते हैं
व्हाटसएप पर
नई नई फोटो लिए
शहर में किस कदर
अब बसते हैं लोग
मिलते कभी नहीं
पर कहते है
सब अपने है लोग
सुरेन्द्र बंसल
है कितना वास्ता
रोज़ रोज़ आते हैं
व्हाटसएप पर
नई नई फोटो लिए
शहर में किस कदर
अब बसते हैं लोग
मिलते कभी नहीं
पर कहते है
सब अपने है लोग
सुरेन्द्र बंसल