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बचपन में कितने मासूम कहलाते थे हम!
बचपन में कितने मासूम कहलाते थे हम,
याद है हाथ पकड़ कर स्कूल जाया करते थे।
रस्ते में कुत्ते देख जब डर जाते थे हम,
याद है कैसे चिल्लाते हुए भाग जाया करते थे।
दौड़ते दौड़ते जब मिट्टी में गिर जाते थे हम,
याद है कैसे एक दूसरे का सिर सहलाया करते थे।
लौटते वक्त जब दुकान से चीज चुरा लाते थे हम,
याद है सब कैसे एक दूसरे को फंसाया करते थे।
दो दिन की छुट्टियों के बाद जब मिल जाते थे हम,
याद है कैसे आंखों में आसूं लिए लिपट जाया करते थे।
एक वक़्त हर लड़के लड़की को जलाया करते थे हम,
याद है सबसे अच्छे दोस्त कहलाया करते थे।
© Prateek Bhardwaj ✍️
#WritcoQuote #writco #writcoapp #Love&love #Life&Life #lifelesson #inkofveracity #poem #writcopoem #friendship
याद है हाथ पकड़ कर स्कूल जाया करते थे।
रस्ते में कुत्ते देख जब डर जाते थे हम,
याद है कैसे चिल्लाते हुए भाग जाया करते थे।
दौड़ते दौड़ते जब मिट्टी में गिर जाते थे हम,
याद है कैसे एक दूसरे का सिर सहलाया करते थे।
लौटते वक्त जब दुकान से चीज चुरा लाते थे हम,
याद है सब कैसे एक दूसरे को फंसाया करते थे।
दो दिन की छुट्टियों के बाद जब मिल जाते थे हम,
याद है कैसे आंखों में आसूं लिए लिपट जाया करते थे।
एक वक़्त हर लड़के लड़की को जलाया करते थे हम,
याद है सबसे अच्छे दोस्त कहलाया करते थे।
© Prateek Bhardwaj ✍️
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