...

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चाँद का ग़ुरूर
#चाँदसमुद्रसंवाद
चाँद इतरा के समुन्द्र से बोला
मैं तो खुले गगन में बड़े ठाट से रहता हूँ
तुम इक जगह ही पड़े रहते
मैं जग में भ्रमण करता हूँ
मुझसा खुशनसीब कोई ना
सबके दिलों में बसता हूँ |

अपनी गुरुत्व शक्ति से...