...

7 views

love
दर्द की मस्ती है और मस्ती में हम हैं।
तुम भी आओ तो देखो कैसी हस्ती में हम हैं।
जिस दिल को तबाह कर बंजर तुमने किया।
मस्त मलंग महोब्बत की उसी बस्ती में हम हैं।
की गुजारिश जमाने ने लौट जाने की।
बरबादियों के तूफानों की उसी कश्ती में हम हैं।
कोई कहे आवारगी कोई दीवाना मुझे।
खुदाया नूर ए महोब्बत की उसी परस्ती में हम हैं।
यूँ खौफ से लौट जाने में महोब्बत कैसी।
तू बसे और मैं उजडुं इश्क़ की ऐसी मस्ती में हम हैं।
©️®️ranjitsingh
© ranjitsingh