...

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मैं आज भी खुद की तलाश में हूं,
मैं आज भी खुद की तलाश में हूं,

कभी खुद से निराश हूं,
कभी खुद से ही मुझे आस है,

मैं खुद में सवाल हूं ,
मैं खुद में जवाब हूं।

मैं दर्द में सुकून हूं ,
मैं अंधेरों की चिराग हूं।

मैं बेखबर, मैं बेसबर
मैं बेरंग में भी रंगीन हूं।

मैं बेवजह ही,बेमिसाल हूं :-)

© sttd1