अनजान शायारा
वो दिन आज भी याद है
एक अनजान शायारा का नाम है
उस पर कंठित ये काव्य है..!!
शुरू से ही वो बातूनी है
बिन ब्रेक की गाड़ी है
बिना रुके वो चलती है
फिर लगती प्यारी है
उसके लेख बहुत न्यारे है
जो मैंने दिल...
एक अनजान शायारा का नाम है
उस पर कंठित ये काव्य है..!!
शुरू से ही वो बातूनी है
बिन ब्रेक की गाड़ी है
बिना रुके वो चलती है
फिर लगती प्यारी है
उसके लेख बहुत न्यारे है
जो मैंने दिल...