मुझको तेरा शबाब ले बैठा
मुझको तेरा शबाब ले बैठा
रंग गोरा, गुलाब ले बैठे ।
कितनी पी ली कितनी बाकी है
मुझको यही हिसाब ले बैठा ।
अच्छा होता सवाल न करता
मुझको तेरा जवाब ले बैठा ।
फुर्सत जब भी मिली है कामों से
तेरे दीदार की किताब ले बैठा ।
मुझे जब भी तुम हो याद आए
दिनदहाड़े शराब ले बैठा ।
यह उनके लिए है जिन्होने मोहब्बत को समझने की कोशिश तो की।
"मोहब्बत करने के बाद ही तो दुनिया रंगीन नजर आती है"
#writcoprompt #writcopoem #writcoshayeri
© WinterPoetry📝
रंग गोरा, गुलाब ले बैठे ।
कितनी पी ली कितनी बाकी है
मुझको यही हिसाब ले बैठा ।
अच्छा होता सवाल न करता
मुझको तेरा जवाब ले बैठा ।
फुर्सत जब भी मिली है कामों से
तेरे दीदार की किताब ले बैठा ।
मुझे जब भी तुम हो याद आए
दिनदहाड़े शराब ले बैठा ।
यह उनके लिए है जिन्होने मोहब्बत को समझने की कोशिश तो की।
"मोहब्बत करने के बाद ही तो दुनिया रंगीन नजर आती है"
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